| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिंड़ी					 : | स्त्री० [सं० पिंड+अच्+ङीष्] १. ठोस या गीली वस्तु का छोटा गोल-मटोल टुकड़ा। लगदी। जैसे—आटे या गुड़ की पिंडी। २. डोरी या सूत जो उक्त आकार या रूप में लपेटा हुआ हो। जैसे—रस्सी की पिंडी। क्रि० प्र०—बनाना।—बाँधना। ३. कद्दू। घीया। ४. पिंडखजूर। ५. एक प्रकार का तगर। ६. बलि चढ़ाने की वेदी। ७. दे० ‘पिंडिका’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंड़ी					 : | स्त्री० [सं० पिंड+अच्+ङीष्] १. ठोस या गीली वस्तु का छोटा गोल-मटोल टुकड़ा। लगदी। जैसे—आटे या गुड़ की पिंडी। २. डोरी या सूत जो उक्त आकार या रूप में लपेटा हुआ हो। जैसे—रस्सी की पिंडी। क्रि० प्र०—बनाना।—बाँधना। ३. कद्दू। घीया। ४. पिंडखजूर। ५. एक प्रकार का तगर। ६. बलि चढ़ाने की वेदी। ७. दे० ‘पिंडिका’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |