| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिंडित					 : | भू० कृ० [सं०√पिंड+क्त] १. पिंड के रूप में बँधा या बनाया हुआ। २. सूत की पिंडी की तरह लपेटा हुआ। ३. गुणा किया हुआ। गुणित। पुं० १. शिलारस। २. काँसा। ३. गणित या उसकी क्रिया। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडितार्थ					 : | पुं० [पिंडित-अर्थ, कर्म० स०] कथन आदि का सारांश। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडित					 : | भू० कृ० [सं०√पिंड+क्त] १. पिंड के रूप में बँधा या बनाया हुआ। २. सूत की पिंडी की तरह लपेटा हुआ। ३. गुणा किया हुआ। गुणित। पुं० १. शिलारस। २. काँसा। ३. गणित या उसकी क्रिया। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिंडितार्थ					 : | पुं० [पिंडित-अर्थ, कर्म० स०] कथन आदि का सारांश। | 
			
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