| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिच्छ					 : | पुं० [सं०√पिच्छ् (बाधा डालना)+अच्] किसी पशु की ऐसी दुम या पूँछ जिस पर बाल हों। लांगूल। २. मोर की दुम या पूँछ। ३. मोर की चोटी। ४. बाण में लगाया जानेवाला मोर आदि का पंख। ५. सेमल का गोंद। मोचरस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छक					 : | पुं० [सं० पिच्छ+कन्] १. पूँछ। २. पूँछ पर का पंख। ३. सेमल का गोंद। मोचरस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छन					 : | पुं० [सं०√पिच्छ+ल्युट्—अन] १. किसी वस्तु को दबाकर चिपटा करने की क्रिया। २. अत्यन्त पीड़न। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छ-पाद					 : | पुं० [ब० स०] घोड़े के पैर में होनेवाला एक तरह का रोग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छपादी (दिन्)					 : | वि० [सं० पच्छपाद+इनि] १. पिच्छपाद रोग-संबंधी। २. पिच्छपाद रोग से पीड़ित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छ-बाण					 : | पुं० [ब० स०] बाज (पक्षी)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छ-भार					 : | पुं० [ब० स०] मोर की पूँछ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छल					 : | वि० [सं०] जिस पर पैर फिसलता हो। फिसलनेवाला पुं० [सं०√पिच्छ्+कलच्] १. मोचरस। २. आकाशबेल। ३. शीशम का पेड़। ४. वासुकि के वंश का एक सर्प। वि० [हिं० पिछला] १. पिछला। २. दौड़, प्रतियोगिता, होड़ आदि में जो पीछे रह गया हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छलपाई					 : | स्त्री० [हिं० पीछा+पाई=पैरवाली] १. चुड़ैल या डाइन। विशेष—लोगों की धारणा है कि चुड़ैलों के पैरों में एड़ी आगे और पंजे पीछे की ओर होते हैं। २. टोना-टोटका करनेवाली स्त्री। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छा					 : | स्त्री० [सं० पिच्छ+टाप्] १. सेमल का गोंद। मोचरस। २. सुपारी का पेड़। ३. शीशम। ४. नारंगी का पेड़। ५. निर्मली का पेड़। ६. आकाशबेल। ७. पिच्छतलापाद नामक रोग। ८. पकाये हुए चावलों का माँड़। ९. पिंडली। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छिका					 : | स्त्री० [सं० पिच्छ+कन्—टाप्, इत्व] १. चँवर। चमार। मोरछल। २. ऊन की वह चँवर जो जैन साधु अपने साथ रखते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छितिका					 : | स्त्री० [सं० पृषो०] शीशम का पेड़। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिल					 : | वि० [सं० पिच्छा+इलच्] [स्त्री० पिच्छिल] १. सरस और स्निग्ध। गीला और चिकना। २. इतना या ऐसा चिकना जिस पर पैर फिसलता हो या फिसल सकता हो। ३. (पक्षी) जिसके सिर पर चूड़ा या चोटी हो। ४. (वैद्यक में, पदार्थ) जो खट्टा, कोमल फूला हुआ और कफकारी हो। पुं० १. लिसोड़ा। २. सरस और स्निग्ध व्यंजन। सालन। जैसे—कढ़ी, दाल, रसेदार तरकारी आदि। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छिलक					 : | पुं० [सं० पिच्छिल+कन्] १. मोचरस। २. धामिन वृक्ष। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिलच्छदा					 : | स्त्री० [ब० स०] १. बैर वृक्ष। २. पोई का साग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिल-त्वक्					 : | स्त्री० [ब० स०] १. नारंगी का पेड़। २. धामिन वृक्ष। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिल-दला					 : | स्त्री० [ब० स०]=पिच्छिलच्छदा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिल-वस्ति					 : | स्त्री० [सं० कर्म० स०] वैद्यक में, निरूढ़वस्ति का एक भेद। | 
			
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				| पिच्छिल-सार					 : | पुं० [ब० स०] सेमल का गोंद। मोचरस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिला					 : | स्त्री० [सं० पिच्छिल+टाप्] १. पोई। २. शीशम। ३. सेमल। ४. तालमखाना। ५. वृश्चिकाली (जड़ी)। ६. शूली घास। ७. अगर। ८. अलसी। ९. अरवी। वि० दे० ‘पिच्छिल’। | 
			
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				| पिच्छ					 : | पुं० [सं०√पिच्छ् (बाधा डालना)+अच्] किसी पशु की ऐसी दुम या पूँछ जिस पर बाल हों। लांगूल। २. मोर की दुम या पूँछ। ३. मोर की चोटी। ४. बाण में लगाया जानेवाला मोर आदि का पंख। ५. सेमल का गोंद। मोचरस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छक					 : | पुं० [सं० पिच्छ+कन्] १. पूँछ। २. पूँछ पर का पंख। ३. सेमल का गोंद। मोचरस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छन					 : | पुं० [सं०√पिच्छ+ल्युट्—अन] १. किसी वस्तु को दबाकर चिपटा करने की क्रिया। २. अत्यन्त पीड़न। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छ-पाद					 : | पुं० [ब० स०] घोड़े के पैर में होनेवाला एक तरह का रोग। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छपादी (दिन्)					 : | वि० [सं० पच्छपाद+इनि] १. पिच्छपाद रोग-संबंधी। २. पिच्छपाद रोग से पीड़ित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छ-बाण					 : | पुं० [ब० स०] बाज (पक्षी)। | 
			
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				| पिच्छ-भार					 : | पुं० [ब० स०] मोर की पूँछ। | 
			
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				| पिच्छल					 : | वि० [सं०] जिस पर पैर फिसलता हो। फिसलनेवाला पुं० [सं०√पिच्छ्+कलच्] १. मोचरस। २. आकाशबेल। ३. शीशम का पेड़। ४. वासुकि के वंश का एक सर्प। वि० [हिं० पिछला] १. पिछला। २. दौड़, प्रतियोगिता, होड़ आदि में जो पीछे रह गया हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छलपाई					 : | स्त्री० [हिं० पीछा+पाई=पैरवाली] १. चुड़ैल या डाइन। विशेष—लोगों की धारणा है कि चुड़ैलों के पैरों में एड़ी आगे और पंजे पीछे की ओर होते हैं। २. टोना-टोटका करनेवाली स्त्री। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छा					 : | स्त्री० [सं० पिच्छ+टाप्] १. सेमल का गोंद। मोचरस। २. सुपारी का पेड़। ३. शीशम। ४. नारंगी का पेड़। ५. निर्मली का पेड़। ६. आकाशबेल। ७. पिच्छतलापाद नामक रोग। ८. पकाये हुए चावलों का माँड़। ९. पिंडली। | 
			
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				| पिच्छिका					 : | स्त्री० [सं० पिच्छ+कन्—टाप्, इत्व] १. चँवर। चमार। मोरछल। २. ऊन की वह चँवर जो जैन साधु अपने साथ रखते हैं। | 
			
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				| पिच्छितिका					 : | स्त्री० [सं० पृषो०] शीशम का पेड़। | 
			
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				| पिच्छिल					 : | वि० [सं० पिच्छा+इलच्] [स्त्री० पिच्छिल] १. सरस और स्निग्ध। गीला और चिकना। २. इतना या ऐसा चिकना जिस पर पैर फिसलता हो या फिसल सकता हो। ३. (पक्षी) जिसके सिर पर चूड़ा या चोटी हो। ४. (वैद्यक में, पदार्थ) जो खट्टा, कोमल फूला हुआ और कफकारी हो। पुं० १. लिसोड़ा। २. सरस और स्निग्ध व्यंजन। सालन। जैसे—कढ़ी, दाल, रसेदार तरकारी आदि। | 
			
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				| पिच्छिलक					 : | पुं० [सं० पिच्छिल+कन्] १. मोचरस। २. धामिन वृक्ष। | 
			
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				| पिच्छिलच्छदा					 : | स्त्री० [ब० स०] १. बैर वृक्ष। २. पोई का साग। | 
			
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				| पिच्छिल-त्वक्					 : | स्त्री० [ब० स०] १. नारंगी का पेड़। २. धामिन वृक्ष। | 
			
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				| पिच्छिल-दला					 : | स्त्री० [ब० स०]=पिच्छिलच्छदा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिच्छिल-वस्ति					 : | स्त्री० [सं० कर्म० स०] वैद्यक में, निरूढ़वस्ति का एक भेद। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छिल-सार					 : | पुं० [ब० स०] सेमल का गोंद। मोचरस। | 
			
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				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिच्छिला					 : | स्त्री० [सं० पिच्छिल+टाप्] १. पोई। २. शीशम। ३. सेमल। ४. तालमखाना। ५. वृश्चिकाली (जड़ी)। ६. शूली घास। ७. अगर। ८. अलसी। ९. अरवी। वि० दे० ‘पिच्छिल’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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