| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिनाक					 : | पुं० [सं०√पा (रक्षा करना)+आकन्, नुट्, इत्व] १. शिव का वह धनुष जो श्रीरामचन्द्र ने सीता स्वयंबर में तोड़ा था। अजगव। २. धनुष। ३. त्रिशूल। ४. नीला अभ्रक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-गोप्ता (प्तृ)					 : | पुं० [ष० त०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-धृत्					 : | पुं० [सं० पिनाक√घृ (धारण करना)+क्विप्] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-पाणि					 : | पुं० [ब० स०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-हस्त					 : | पुं० [ब० स०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाकी (किन्)					 : | पुं० [सं० पिनाक+इनि] १. पिनाक धारण करनेवाले, महादेव। शिव। २. प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा जिसमें बजाने के लिए तार लगा रहता था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक					 : | पुं० [सं०√पा (रक्षा करना)+आकन्, नुट्, इत्व] १. शिव का वह धनुष जो श्रीरामचन्द्र ने सीता स्वयंबर में तोड़ा था। अजगव। २. धनुष। ३. त्रिशूल। ४. नीला अभ्रक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-गोप्ता (प्तृ)					 : | पुं० [ष० त०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-धृत्					 : | पुं० [सं० पिनाक√घृ (धारण करना)+क्विप्] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-पाणि					 : | पुं० [ब० स०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाक-हस्त					 : | पुं० [ब० स०] शिव। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिनाकी (किन्)					 : | पुं० [सं० पिनाक+इनि] १. पिनाक धारण करनेवाले, महादेव। शिव। २. प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा जिसमें बजाने के लिए तार लगा रहता था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |