| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिपास					 : | स्त्री०=पिपासा (प्यास)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिपासा					 : | स्त्री० [सं०√पा (पीना)+सन्+अ—टाप्] १. पानी या और कोई तरल पदार्थ पीने की इच्छा। तृष्णा। तृषा। प्यास। २. कोई चीज पाने की इच्छा या लोभ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिपासित					 : | वि० [सं० पिपासा+इतच्] जिसे प्यास लगी हो। प्यासा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिपासी (सिन्)					 : | वि० [सं० पिपासा+इनि] प्यासा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिपासु					 : | वि० [सं०√पा+सन्+उ] १. जिसे पिपासा या प्यास लगी हो। तृषित। प्यासा। २. पीने का इच्छुक। ३. जिसके मन में किसी प्रकार की उग्र कामना या लोभ हो। जैसे—रक्तपिपासु। | 
			
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				| पिपास					 : | स्त्री०=पिपासा (प्यास)। | 
			
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				| पिपासा					 : | स्त्री० [सं०√पा (पीना)+सन्+अ—टाप्] १. पानी या और कोई तरल पदार्थ पीने की इच्छा। तृष्णा। तृषा। प्यास। २. कोई चीज पाने की इच्छा या लोभ। | 
			
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				| पिपासित					 : | वि० [सं० पिपासा+इतच्] जिसे प्यास लगी हो। प्यासा। | 
			
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				| पिपासी (सिन्)					 : | वि० [सं० पिपासा+इनि] प्यासा। | 
			
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				| पिपासु					 : | वि० [सं०√पा+सन्+उ] १. जिसे पिपासा या प्यास लगी हो। तृषित। प्यासा। २. पीने का इच्छुक। ३. जिसके मन में किसी प्रकार की उग्र कामना या लोभ हो। जैसे—रक्तपिपासु। | 
			
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