| शब्द का अर्थ | 
					
				| पिशंग					 : | पुं० [सं०√पिश् (अंश होना)+अगच्] लाली लिये भूरा रंग। वि० उक्त प्रकार के रंग का। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिशंगक					 : | पुं० [सं० पिशंग+कन्] १. विष्णु। २. विष्णु का अनुचर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिशंगिला					 : | स्त्री० [सं० पिश्√गिल् (लीलना)+ख, मुम्, टाप्] काँसा नामक मिश्र धातु। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पिशंगी (गिन्)					 : | वि० [सं० पिशंग+इनि] पिशंग वर्ण का। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पिशंग					 : | पुं० [सं०√पिश् (अंश होना)+अगच्] लाली लिये भूरा रंग। वि० उक्त प्रकार के रंग का। | 
			
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				| पिशंगक					 : | पुं० [सं० पिशंग+कन्] १. विष्णु। २. विष्णु का अनुचर। | 
			
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				| पिशंगिला					 : | स्त्री० [सं० पिश्√गिल् (लीलना)+ख, मुम्, टाप्] काँसा नामक मिश्र धातु। | 
			
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				| पिशंगी (गिन्)					 : | वि० [सं० पिशंग+इनि] पिशंग वर्ण का। | 
			
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