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			| शब्द का अर्थ |  
				| पिशोन्माद					 : | पुं० [ब० स०] वैद्यक में, एक प्रकार का उन्माद या पागल-पन जिसमें रोगी प्रायः ऊपर को हाथ उठाये रहता, अधिक बकता और रोता तथा गन्दा या मैला-कुचैला बना रहता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पिशोन्माद					 : | पुं० [ब० स०] वैद्यक में, एक प्रकार का उन्माद या पागल-पन जिसमें रोगी प्रायः ऊपर को हाथ उठाये रहता, अधिक बकता और रोता तथा गन्दा या मैला-कुचैला बना रहता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |