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पीरी  : स्त्री० [फा०] १. वृद्ध होने की अवस्था, या भाव। वृद्धावस्था। २. किसी इस्लामी धर्म-स्थान के पीर (महन्त) होने की अवस्था या भाव। ३. दूसरों को अपना अनुयायी या शिष्ट बनाने का धन्धा या पेशा। ४. बहुत बड़ी चालाकी या बहादुरी। जैसे—इतना सा-काम करके तुमने कौन-सी पीरी दिखला दी। ५. किसी प्रकार का विशेषाधिकार। इजारा। ठेका। (व्यंग्य) जैसे—यहाँ क्या तुम्हारे बाबा की पीरी है। ६. कोई अलौकिक या चमत्कापूर्ण कृत्य करने की शक्ति। वि० हिं० ‘पीरा’ (पीला) का स्त्री०।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पीरी  : स्त्री० [फा०] १. वृद्ध होने की अवस्था, या भाव। वृद्धावस्था। २. किसी इस्लामी धर्म-स्थान के पीर (महन्त) होने की अवस्था या भाव। ३. दूसरों को अपना अनुयायी या शिष्ट बनाने का धन्धा या पेशा। ४. बहुत बड़ी चालाकी या बहादुरी। जैसे—इतना सा-काम करके तुमने कौन-सी पीरी दिखला दी। ५. किसी प्रकार का विशेषाधिकार। इजारा। ठेका। (व्यंग्य) जैसे—यहाँ क्या तुम्हारे बाबा की पीरी है। ६. कोई अलौकिक या चमत्कापूर्ण कृत्य करने की शक्ति। वि० हिं० ‘पीरा’ (पीला) का स्त्री०।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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