| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुंजि					 : | पुं० [सं०√पिञ्ज्+इन, पृषो० सिद्धि] समूह। ढेर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुंजिक					 : | पुं० [सं० पुंज+ठन्—इक] ओला। (आकाश से गिरनेवाला)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुंजित					 : | भू० कृ० [सं० पुंज+इतच्] १. पुंज अर्थात् ढेर के रूप में बनाया या लगाया हुआ। २. एकत्र किया हुआ। संचित। (एक्यूमुलेटेड) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुंजिष्ठ					 : | भू० कृ० [सं० पुंज+इष्ठन्] पुंजित। (दे०) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुंजि					 : | पुं० [सं०√पिञ्ज्+इन, पृषो० सिद्धि] समूह। ढेर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुंजिक					 : | पुं० [सं० पुंज+ठन्—इक] ओला। (आकाश से गिरनेवाला)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुंजित					 : | भू० कृ० [सं० पुंज+इतच्] १. पुंज अर्थात् ढेर के रूप में बनाया या लगाया हुआ। २. एकत्र किया हुआ। संचित। (एक्यूमुलेटेड) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पुंजिष्ठ					 : | भू० कृ० [सं० पुंज+इष्ठन्] पुंजित। (दे०) | 
			
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