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			| शब्द का अर्थ |  
				| पुनराधान					 : | पुं० [सं० पुनर-आधान, मध्य० स०] श्रौत या स्मार्त अग्नि का एक बार छूट या बुझ जाने पर फिर से किया जानेवाला ग्रहण। अग्निस्थापन। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पुनराधान					 : | पुं० [सं० पुनर-आधान, मध्य० स०] श्रौत या स्मार्त अग्नि का एक बार छूट या बुझ जाने पर फिर से किया जानेवाला ग्रहण। अग्निस्थापन। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |