| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुनश्च					 : | अव्य० [सं० पुनर्-च] १. इसके बाद। फिर। २. दूसरी बार। दोबारा। ३. जो कुछ कहा जा चुका हो उसके बाद या साथ इतना और भी या यह भी। पुं० एक पद जिसका प्रयोग पत्र आदि लिखकर समाप्त कर लेने पर बाद में याद आई हुई बात नीचे लिखने से पहले होता है। (पोस्टस्क्रिप्ट) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुनश्चवर्ण					 : | पुं० [सं० पुनर-चवर्ण, मध्य० स०] चौपायों का पागुर करना। पगुरी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुनश्च					 : | अव्य० [सं० पुनर्-च] १. इसके बाद। फिर। २. दूसरी बार। दोबारा। ३. जो कुछ कहा जा चुका हो उसके बाद या साथ इतना और भी या यह भी। पुं० एक पद जिसका प्रयोग पत्र आदि लिखकर समाप्त कर लेने पर बाद में याद आई हुई बात नीचे लिखने से पहले होता है। (पोस्टस्क्रिप्ट) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुनश्चवर्ण					 : | पुं० [सं० पुनर-चवर्ण, मध्य० स०] चौपायों का पागुर करना। पगुरी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |