शब्द का अर्थ
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पुरान :
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वि०=पुराना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=पुराण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुराना :
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वि० [सं० पुराण] [स्त्री० पुरानी] १. जो प्रस्तुत समय से बहुत पहले का हो। बहुत पूर्व या प्राचीन काल का। जैसे—पुराना जमाना, पुरानी सभ्यता। २. जिसे अस्तित्व में आये या जीवन धारण किये बहुत समय हो चुका हो। जैसे—पुराना पेड़, पुराना बुखार, पुराना मकान आदि। ३. जो बहुत दिनों का हो जाने के कारण अच्छी दशा में न रह गया हो या ठीक तरह से और पूरा काम न दे सकता हो। जीर्ण-शीर्ण। जैसे—पुराना कपड़ा, पुरानी चौकी। ४. जिसे किसी काम या बात का बहुत दिनों से अनुभव होता आय़ा हो,अथवा जो बहुत दिनों से अभ्यस्त हो रहा हो। यथेष्ट रूप में परिपक्व। जैसे—पुराना कारीगर, पुराने पंडित या विद्वान। पद—पुराना खुर्राट=बहुत बड़ा अनुभवी। पुराना घाघ=बहुत बड़ा चालाक। ५. जो किसी निश्चित या विशिष्ट काल से चला आ रहा हो। जैसे—(क) पाँच सौ वर्ष का पुराना चावल, सौ वर्ष का पुराना पेड़। ६. जो उक्त प्रकार का होने पर भी अब प्रचलित न हो। जिसका चलन अब उठ गया हो, या उठता जा रहा हो। जैसे—पुराना पहनावा, पुरानी परिपाटी या प्रथा। स० [हिं० पूरना का प्रे०] १. पूरने का काम किसी और से कराना। पूरा कराना। २. आज्ञा, निर्देश, वचन आदि का निर्वाह या पालन कराना। ३. अवकाश, गड्ढे आदि के प्रसंग में, समतल कराना। भरवाना। स० [हिं० पूरना] १. पूरा करना। २. निर्वाह या पालन करना। अ०=पूरना (पूरा होना)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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वि०=पुराना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=पुराण। |
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वि० [सं० पुराण] [स्त्री० पुरानी] १. जो प्रस्तुत समय से बहुत पहले का हो। बहुत पूर्व या प्राचीन काल का। जैसे—पुराना जमाना, पुरानी सभ्यता। २. जिसे अस्तित्व में आये या जीवन धारण किये बहुत समय हो चुका हो। जैसे—पुराना पेड़, पुराना बुखार, पुराना मकान आदि। ३. जो बहुत दिनों का हो जाने के कारण अच्छी दशा में न रह गया हो या ठीक तरह से और पूरा काम न दे सकता हो। जीर्ण-शीर्ण। जैसे—पुराना कपड़ा, पुरानी चौकी। ४. जिसे किसी काम या बात का बहुत दिनों से अनुभव होता आय़ा हो,अथवा जो बहुत दिनों से अभ्यस्त हो रहा हो। यथेष्ट रूप में परिपक्व। जैसे—पुराना कारीगर, पुराने पंडित या विद्वान। पद—पुराना खुर्राट=बहुत बड़ा अनुभवी। पुराना घाघ=बहुत बड़ा चालाक। ५. जो किसी निश्चित या विशिष्ट काल से चला आ रहा हो। जैसे—(क) पाँच सौ वर्ष का पुराना चावल, सौ वर्ष का पुराना पेड़। ६. जो उक्त प्रकार का होने पर भी अब प्रचलित न हो। जिसका चलन अब उठ गया हो, या उठता जा रहा हो। जैसे—पुराना पहनावा, पुरानी परिपाटी या प्रथा। स० [हिं० पूरना का प्रे०] १. पूरने का काम किसी और से कराना। पूरा कराना। २. आज्ञा, निर्देश, वचन आदि का निर्वाह या पालन कराना। ३. अवकाश, गड्ढे आदि के प्रसंग में, समतल कराना। भरवाना। स० [हिं० पूरना] १. पूरा करना। २. निर्वाह या पालन करना। अ०=पूरना (पूरा होना)। |
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