| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुरुषाद					 : | पुं० [सं० पुरुष√अद् (खाना)+अण्] १. मनुष्यों को खानेवाला अर्थात् राक्षस। २. बृहत्संहिता के अनुसार एक देश जो आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य के अधिकार में माना गया है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुरुषादक					 : | पुं० [सं० पुरुषाद+कन्] १. मनुष्यों को खानेवाला अर्थात् राक्षस। २. कल्माषपाद का एक नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुरुषाद्य					 : | पुं० [पुरुष-आद्य, ष० त०] १. जिनों के प्रथम आदिनाथ। (जैन) २. विष्णु। ३. राक्षस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुरुषाद					 : | पुं० [सं० पुरुष√अद् (खाना)+अण्] १. मनुष्यों को खानेवाला अर्थात् राक्षस। २. बृहत्संहिता के अनुसार एक देश जो आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य के अधिकार में माना गया है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुरुषादक					 : | पुं० [सं० पुरुषाद+कन्] १. मनुष्यों को खानेवाला अर्थात् राक्षस। २. कल्माषपाद का एक नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुरुषाद्य					 : | पुं० [पुरुष-आद्य, ष० त०] १. जिनों के प्रथम आदिनाथ। (जैन) २. विष्णु। ३. राक्षस। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |