| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुष्पिका					 : | स्त्री० [सं०√पुष्प+ण्वुल्—अक+टाप्, इत्व] १. दाँत की मैल। २. लिंग की मैल। ३. अधिकतर प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों या उनके अध्यायों के अन्त में वह वाक्य या पद्य जिससे कहे हुए प्रसंग की समाप्ति सूचित होती है और जिसमें प्रायः लेखक का नाम और रचना-संवत् भी रहता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्पिका					 : | स्त्री० [सं०√पुष्प+ण्वुल्—अक+टाप्, इत्व] १. दाँत की मैल। २. लिंग की मैल। ३. अधिकतर प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों या उनके अध्यायों के अन्त में वह वाक्य या पद्य जिससे कहे हुए प्रसंग की समाप्ति सूचित होती है और जिसमें प्रायः लेखक का नाम और रचना-संवत् भी रहता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |