| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुष्पित					 : | वि० [सं० पुष्प+इतच्] [स्त्री० पुष्पिता] १. (वृक्ष या पौधा) जिसमें फूल निकले हों। पुष्पों से युक्त। फूलों से लदा हुआ। २. उन्नत और समृद्ध। पुं० १. कुशद्वीप का एक पर्वत। २. एक बुद्ध का नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्पिता					 : | वि० स्त्री० [सं० पुष्पित+टाप्] रजस्वला (स्त्री)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्पिताग्रा					 : | स्त्री० [सं० पुष्पित-अग्र, ब० स०+टाप्] एक प्रकार का अर्द्धसम वृत्त जिसके पहले और तीसरे चरणों में दो नगण, एक रगण और एक यगण होता है तथा दूसरे और चौथे चरणों में एक नगण, दो जगण, एक रगण और गुरु होता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्पित					 : | वि० [सं० पुष्प+इतच्] [स्त्री० पुष्पिता] १. (वृक्ष या पौधा) जिसमें फूल निकले हों। पुष्पों से युक्त। फूलों से लदा हुआ। २. उन्नत और समृद्ध। पुं० १. कुशद्वीप का एक पर्वत। २. एक बुद्ध का नाम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्पिता					 : | वि० स्त्री० [सं० पुष्पित+टाप्] रजस्वला (स्त्री)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्पिताग्रा					 : | स्त्री० [सं० पुष्पित-अग्र, ब० स०+टाप्] एक प्रकार का अर्द्धसम वृत्त जिसके पहले और तीसरे चरणों में दो नगण, एक रगण और एक यगण होता है तथा दूसरे और चौथे चरणों में एक नगण, दो जगण, एक रगण और गुरु होता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |