| शब्द का अर्थ | 
					
				| पुष्य					 : | पुं० [सं०√पुष् (पुष्टि)+क्यप्] १. पुष्टि। पोषण। २. पौष का महीना। ३. सत्ताईसे नक्षत्रों में से ८वाँ नक्षत्र जिसमें तीन तारे हैं तथा जिसकी आकृति वाण की सी कही गई है, और जो अनेक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इसे ‘तिष्य’ और ‘सिध्य’ भी कहते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्यमित्र					 : | पुं० [सं०] मगध में मौर्य शासन समाप्त करके शुंगवंशीय राज्य स्थापित करनेवाला एक प्रतापी राजा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पुष्यरथ					 : | पुं०=पुष्प-रथ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पुष्यलक					 : | पुं० [सं०√पुष्+कि, पुषि√अल् (पर्याप्ति)+ अच्+क] १. कस्तूरी मृग। २. वह जैन साधु जो हाथ में चँवर लिए रहता हो। ३. बड़ी और मोटी कील या खूँटा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्य-स्नान					 : | पुं० [स० त०] राजाओं या राज्य के विध्नों की शांति के लिए एक विशिष्ट स्नान जो पूस के महीने में चन्द्रमा के पुष्य नक्षत्र में होने पर किया जाता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पुष्याभिषेक					 : | पुं०=पुष्य-स्नान। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पुष्यार्क					 : | पुं० [सं० पुष्य-अर्क, स० त०] १. फलित ज्योतिष में, एक योग जो कर्क की संक्राति में सूर्य के पुष्य नक्षत्र में होने पर होता है। यह प्रायः श्रावण में दस दिन के लगभग रहता है। २. रविवार के दिन होनेवाला पुष्य-नक्षत्र। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पुष्य					 : | पुं० [सं०√पुष् (पुष्टि)+क्यप्] १. पुष्टि। पोषण। २. पौष का महीना। ३. सत्ताईसे नक्षत्रों में से ८वाँ नक्षत्र जिसमें तीन तारे हैं तथा जिसकी आकृति वाण की सी कही गई है, और जो अनेक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इसे ‘तिष्य’ और ‘सिध्य’ भी कहते हैं। | 
			
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				| पुष्यमित्र					 : | पुं० [सं०] मगध में मौर्य शासन समाप्त करके शुंगवंशीय राज्य स्थापित करनेवाला एक प्रतापी राजा। | 
			
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				| पुष्यरथ					 : | पुं०=पुष्प-रथ। | 
			
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				| पुष्यलक					 : | पुं० [सं०√पुष्+कि, पुषि√अल् (पर्याप्ति)+ अच्+क] १. कस्तूरी मृग। २. वह जैन साधु जो हाथ में चँवर लिए रहता हो। ३. बड़ी और मोटी कील या खूँटा। | 
			
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				| पुष्य-स्नान					 : | पुं० [स० त०] राजाओं या राज्य के विध्नों की शांति के लिए एक विशिष्ट स्नान जो पूस के महीने में चन्द्रमा के पुष्य नक्षत्र में होने पर किया जाता है। | 
			
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				| पुष्याभिषेक					 : | पुं०=पुष्य-स्नान। | 
			
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				| पुष्यार्क					 : | पुं० [सं० पुष्य-अर्क, स० त०] १. फलित ज्योतिष में, एक योग जो कर्क की संक्राति में सूर्य के पुष्य नक्षत्र में होने पर होता है। यह प्रायः श्रावण में दस दिन के लगभग रहता है। २. रविवार के दिन होनेवाला पुष्य-नक्षत्र। | 
			
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