| शब्द का अर्थ | 
					
				| पूँजीवाद					 : | पुं० [हिं० पूँजी+सं० वाद] १. आधुनिक अर्थशास्त्र में, वह आर्थिक प्रणाली या व्यवस्था जिसमें देश के प्रमुख उत्पत्ति तथा वितरण के साधनों पर धनिकों या पूँजीपतियों का व्यक्तिगत रूप से पूरा अधिकार होता है। इसमें धनवान् लोग अपनी पूँजी से वस्तुओं का उत्पादन करते-कराते और उसका सारा लाभ अपने सुख-भोग तथा पूँजी बढ़ाने में लगाते हैं। (कैपिटलिज़्म)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूँजीवादी					 : | पुं० [हिं०+सं०] वह जो पूँजीवाद से सिद्धान्त मानता हो या उसका अनुयायी हो। वि० पूँजीवाद-संबंधी। जैसे—पूँजीवादी आर्थिक व्यवस्था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूँजीवाद					 : | पुं० [हिं० पूँजी+सं० वाद] १. आधुनिक अर्थशास्त्र में, वह आर्थिक प्रणाली या व्यवस्था जिसमें देश के प्रमुख उत्पत्ति तथा वितरण के साधनों पर धनिकों या पूँजीपतियों का व्यक्तिगत रूप से पूरा अधिकार होता है। इसमें धनवान् लोग अपनी पूँजी से वस्तुओं का उत्पादन करते-कराते और उसका सारा लाभ अपने सुख-भोग तथा पूँजी बढ़ाने में लगाते हैं। (कैपिटलिज़्म)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूँजीवादी					 : | पुं० [हिं०+सं०] वह जो पूँजीवाद से सिद्धान्त मानता हो या उसका अनुयायी हो। वि० पूँजीवाद-संबंधी। जैसे—पूँजीवादी आर्थिक व्यवस्था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |