| शब्द का अर्थ | 
					
				| पूप					 : | पुं० [सं०√पू (पवित्र करना)+पक्] एक तरह की मीठी पूरी। वि० दे० ‘पूआ’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूपला					 : | स्त्री० [सं०पूप√ला (लेना)+क+टाप्] पूआ नामक पकवान। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूपली					 : | स्त्री० [सं० पूपल+ङीष्] छोटा पूआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूपशाला					 : | स्त्री० [ष० त०] वह स्थान जहाँ पूप आदि पकवान बनते या बनने पर रखे जाते हैं। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूपाली					 : | स्त्री० [सं० पूप√अल् (पर्याप्त होना)+अच्+ ङीष्] पूआ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पूपाष्टका					 : | स्त्री० [सं० पूप-अष्टका, मध्य० स०] पूस के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, इस दिन मालपूओं से श्राद्ध करने का विधान है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| पूपिक					 : | पुं० [सं० पूप+ठन्—इक] पूआ। | 
			
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				| पूप					 : | पुं० [सं०√पू (पवित्र करना)+पक्] एक तरह की मीठी पूरी। वि० दे० ‘पूआ’। | 
			
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				| पूपला					 : | स्त्री० [सं०पूप√ला (लेना)+क+टाप्] पूआ नामक पकवान। | 
			
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				| पूपली					 : | स्त्री० [सं० पूपल+ङीष्] छोटा पूआ। | 
			
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				| पूपशाला					 : | स्त्री० [ष० त०] वह स्थान जहाँ पूप आदि पकवान बनते या बनने पर रखे जाते हैं। | 
			
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				| पूपाली					 : | स्त्री० [सं० पूप√अल् (पर्याप्त होना)+अच्+ ङीष्] पूआ। | 
			
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				| पूपाष्टका					 : | स्त्री० [सं० पूप-अष्टका, मध्य० स०] पूस के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, इस दिन मालपूओं से श्राद्ध करने का विधान है। | 
			
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				| पूपिक					 : | पुं० [सं० पूप+ठन्—इक] पूआ। | 
			
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