| शब्द का अर्थ | 
					
				| पेचक					 : | पुं० [सं०√पच् (पकाना)+वुन्—अक, एत्व] [स्त्री० पेचिका] १. उल्लू पक्षी। २. जूँ नाम का कीड़ा। ३. बादल। मेघ। ४. खाट। चारपाई। ५. हाथी की दुम। स्त्री० [फा०] १. कपड़े सीने के लिए बटे हुए तागे की गोली या गुच्छी। २. ऐसी रचना जो घूमती हुई सीधी ऊपर या नीचे चली गई हो। ३. चित्र-कला में फूल-पत्तियाँ आदि का उक्त प्रकार का अंकन। डंडा-मुर्री (स्पिरल)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पेचकी					 : | स्त्री० [सं० पेचक+ङीष्] उल्लू की मादा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |