| शब्द का अर्थ | 
					
				| पेशी					 : | स्त्री० [सं०] १. मांस का टुकड़ा।। मांस-खंड। २. शरीर के अंदर मांस के रेशों की वह गुलथी या समूह जिससे भिन्न भिन्न अंगों को मोड़ने, सिकोड़ने आदि में सहायता मिलती है। (मसल्) ३. गर्भाश्य में स्थिति होनेवाला गर्भ का आरंभिक रूप। ४. अंडा। ५. तलवार की म्यान। ६. फूल की कली। ७. जटामासी। ८. जूता। ९. एक प्राचीन नदी। १॰. इंद्र का वज्र। ११. पुरानी चाल का एक प्रकार का ढोल। स्त्री० [फा०] १. पेश होने की अवस्था या भाव। २. मुकदमे की तारीख़ के दिन न्यायालय में वादी और प्रतिवादी का न्यायाधीश के सन्मुख उपस्थित होना। ३. मुख्तार, वकील आदि को उसकी पेशी के दिन की सेवाओं के बदले में दिया जानेवाला धन। | 
			
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				| पेशीन-गो					 : | पुं० [फा० पेशींगो] [भाव. पेशीनगोई] भविष्यदवक्ता। | 
			
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				| पेशीन-गोई					 : | स्त्री० [फा०] भविष्य कथन। भविष्यवाणी। | 
			
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