| शब्द का अर्थ | 
					
				| पैठोर					 : | पुं०=पैंठ। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पैठ					 : | स्त्री० [सं० प्रविष्ठ; प्रा० पइट्ठ] १. पैठने की क्रिया या भाव। प्रवेश। उदा०—जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी बैठ।—कबीर। २. किसी स्थान पर बैठने की क्षमता, सुभीता या स्थिति। पहुँच। जैसे—वहाँ तुम्हारी पैठ नहीं हो सकेगी। स्त्री०=पैंठ (बाजार)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पैठना					 : | अ० [हिं० पैठ+ना (प्रत्य०)] १. किसी स्थान विशेषतः किसी गहरे स्थान के अन्दर जाना या घुसना। २. बैठना। | 
			
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				| पैठाना					 : | स० [हिं० पैठना] बलपूर्वक अन्दर ले जाना। प्रवेश कराना। संयो० क्रि०—देना। | 
			
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				| पैठार					 : | पुं० [हिं० पैठ+आर (प्रत्य०)] १. पैठ। प्रवेश। २. प्रवेशद्वार। फाटक। | 
			
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				| पैठारी					 : | स्त्री० [हिं० पैठार] १. पैठ। प्रवेश। २. गति। पहुँच। | 
			
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				| पैठी					 : | स्त्री० [हिं० पैंठ] बदला। एवज। | 
			
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