| शब्द का अर्थ | 
					
				| पैन					 : | स्त्री० [सं० प्रणाली] १. नाली। २. पनाला। | 
			
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				| पैना					 : | वि० [सं० पैण=घिसना,] [स्त्री० पैनी] जिसकी धार बहुत पतली या काटनेवाली हो। चोखा। धारदार। तीक्ष्ण। तेज। जैसे—पैनी कटार, पैनी छुरी। पुं० १. बैल हाँकने की हलवाँहों की छोटी छड़ी। २. धातु आदि का नुकीला छड़। ३. हाथी चलाने का अंकुश। पुं० [?] कुछ विशिष्ट धातुएँ गलाने का मसाला। पुं०=पैन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पैनाक					 : | वि० [सं० पिनाक+अण्] पिनाक-संबंधी। पिनाक का। | 
			
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				| पैनाना					 : | स० [हिं० पैना] छुरे आदि की धार रगड़कर तेज या पैनी करना। चोखा करना। टेना। मुहा०—(किसी चीज पर) दाँत पैनाना=कोई चीज पाने के लिए उस पर निगाह रखना। दाँत गड़ाना। | 
			
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				| पैन्हना					 : | स०=पहनना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| पैन्हानी					 : | स०=पहनाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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