| शब्द का अर्थ | 
					
				| पोश					 : | वि० [फा०] (शब्दों के अंत में प्रत्यय के रूप में लगकर) १. छिपाने या ढकनेवाला। जैसे—मेजपोश, तख्तपोश आदि। २. पहननेवाला। जैसे—सफेदपोश। पुं० सामने से हटाने का संकेत जिसका अर्थ है—बचो, हट जाओ। | 
			
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				| पोशाक					 : | स्त्री० [फा० पोश या पोशिश से उर्दू] १. पहनने के कपड़े। परिधान। २. वे कपड़े जो किसी प्रदेश के रहनेवाले विशेष रूप से पहनते हों। पहनावा। | 
			
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				| पोशाका					 : | पुं० [फा० पोशाकः] १. एक प्रकार का कपड़ा जो गाढ़े से महीन औरतनजेब से मोटा होता है। २. अच्छा या बढ़िया कपड़ा। | 
			
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				| पोशाकी					 : | वि० [हिं० पोशाक] पोशाक या पहनावे से संबंध रखनेवाला। स्त्री० वेतन के अतिरिक्त वह धन जो नौकरों को नियमित रूप से अथवा विशिष्ट अवसरों पर अपनी पोशाक या पहनने के कपड़े बनवाने के लिए दिया जाता है। | 
			
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				| पोशीदगी					 : | स्त्री० [फा०] पोशीदा (छिपा हुआ) होने की अवस्था या भाव। गुप्ति। छिपाव। | 
			
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				| पोशीदा					 : | वि० [फा० पोशीदः] १. ढका या ढाँका हुआ। २. छिपा या छिपाया हुआ। ३. गुप्त। | 
			
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