| शब्द का अर्थ | 
					
				| पोस्त					 : | पुं० [फा०] १. खाल। त्वचा। २. पेड़ की छाल। ३. पोस्ते का डोडा। ४. दे० ‘पोस्ता’। ५. पिशुनता। | 
			
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				| पोस्ता					 : | पुं० [फा० पोस्त] एक प्रकार का पौधा जिसके डोडों से अफीम तैयार की जाती है। | 
			
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				| पोस्ती					 : | पुं० [फा०] १. अफीम खानेवाला। २. मदक पीनेवाला। ३. वह जो बहुत बड़ा अकर्मण्य तथा आलसी हो। ४. गुडि़या के आकार का कागज का एक खिलौना जिसके पेदें में मिट्टी का ठोस गोला रहता है। यह फेंकने पर जमीन पर खड़ा होकर कुछ देर तक झूमता रहता है। इसे ‘मतवाला’ और ‘खड़े खाँ’ भी कहते हैं। | 
			
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				| पोस्तीन					 : | पुं० [फा०] १. गरम और मुलायम रोएँवाले लोमड़ी, सूअर, आदि कुछ जानवरों की खाल जिसे कई रूपों में बना और सीकर पामीर, तुर्किस्तान और मध्य एशिया के लोग पहनते थे, और जिसका प्रचलन अब सरदी के दिनों में अन्य स्थानों में भी होने लगा है। २. उक्त खाल का बना हुआ कोई पहनावा। ३. पुस्तक की जिल्द के भीतरी भाग पर चिपकाया जानेवाला कागज। | 
			
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