| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्यास					 : | स्त्री० [सं० पिपासा] १. वह स्थिति जिसमें जल या और कोई तरल पदार्थ पीने की उत्कट इच्छा होती है तथा जो शरीर के जलीय पदार्थ के कम हो जाने पर उत्पन्न होती है। तृष्णा। पिपासा। २. लाक्षणिक रूप में, किसी पदार्थ की प्राप्ति की प्रबल इच्छा या कामना। क्रि० वि०—बुझाना।—मिटना।—लगना। | 
			
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				| प्यासा					 : | वि० [हिं० प्यास] [स्त्री० प्यासी] १. जिसे प्यास लगी हो। जो पानी पीना चाहता हो। तृषित। पिपासित। २. जिसे किसी काम या बात की प्रबल कामना या वासना हो। उदा०—अँखिया हरि दरसन की प्यासी।—सूर। | 
			
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				| प्यासी					 : | स्त्री० [?] एक प्रकार की छोटी मछली। | 
			
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