शब्द का अर्थ
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प्रकट :
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वि० [सं० प्र√कट्+अच्] १. जो इस प्रकार अस्तित्व में आया हो या वर्तमान हो कि सहज में देखा जा सके। २. जो इस प्रकार व्यक्त तथा स्पष्ट हो कि उससे ठीक-ठीक बोध होता हो। ३. जिसका अभी अभी प्रादुर्भाव हुआ हो। उद्भूत। उत्पन्न। जैसे—अब तो ज्वर के लक्षण प्रकट होने लगे हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रकटाना :
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स० [सं० प्रकटन] प्रकट या जाहिर करना। उदा०—आज आखिल विज्ञान, ज्ञान को रूप गंध, रस में प्रगटाओ।—पन्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रकटित :
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भू० कृ० [सं० प्र√कट्+क्त] १. जो प्रकट हुआ हो। २. प्रकट किया हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |