शब्द का अर्थ
|
प्रकीर्णक :
|
पुं० [सं० प्रकीर्ण+कन्] १. चँवर। २. ग्रंथ का अध्याय या प्रकरण। ३. फैलाव। विस्तार। ४. ऐसा वर्ग या संग्रह जिसमें अनेक प्रकार की ऐसी वस्तुओं का मेल हो जो किसी विशिष्ट वर्ग या शीर्षक में न रखी जा सकती हों। फुटकर। ५. वह छोटा-मोटा पाप जिसके प्रायश्चित का उल्लेख किसी धर्म-ग्रंथ में न हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रकीर्णकेशी :
|
स्त्री० [सं० ब० स०+ङीष्] दुर्गा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |