शब्द का अर्थ
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प्रख्यात :
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वि० [सं० प्र√ख्या+क्त] जिसे सब या बहुत से लोग जानते हों। प्रसिद्ध। मशहूर। विख्यात। पुं० नाटक की कथा-वस्तु के स्वरूप की दृष्टि से किये गये तीन भेदों में एक, जिसमें कथा-वस्तु का मुख्य रूप से इतिहास, पुराण आदि की प्रसिद्ध कहानियाँ होती हैं, और नाटककार द्वारा कल्पना से जोड़े गये प्रक्षिप्त अंगों से उसमें विकृति नहीं आती। हिन्दी के चन्द्रगुप्त, स्कंदगुप्त, रक्षाबन्धन, वितस्वा की लहरें आदि नाटकों की कथा-वस्तु इसी भेद के अंतर्गत हैं। (शेष दो भेद उत्पाद्य और मिश्र कहलाते हैं)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रख्याति :
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स्त्री० [सं० प्र√ख्या+क्तिन्] प्रख्यात होने की अवस्था या भाव। प्रसिद्धि। विख्याति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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