| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रघट					 : | वि० दे० ‘प्रकट’। पुं०=प्रघटक। | 
			
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				| प्रघटक					 : | पुं० [सं० प्रा० स०] सिद्धांत। | 
			
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				| प्रघटन					 : | पुं० [सं० प्रा० स०] १. विशिष्ट रूप से घटित होने की क्रिया या भाव। २. वह कार्य, घटना या स्थिति जो वस्तुतः घटित हुई हो और जिसके संबंध में कुछ अध्ययन, अनुसन्धान, निर्णय या विचार होने को हो। मामला। (केस) जैसे—आज-कल नगर में चोरियों के प्रघटन बहुत होने लगे हैं। | 
			
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				| प्रघटना					 : | अ० [सं० प्रकट] प्रकट होना। | 
			
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				| प्रघटा					 : | स्त्री० [सं० प्रा० स०] किसी विज्ञान या शास्त्र की मोटी और साधारण बातें। | 
			
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				| प्रघट्टक					 : | पुं० [सं० प्र√घट् (चलाना)+ण्वुल्—अक] सिद्धांत। वि० [सं० प्रकट] प्रकट करने या सामने लानेवाला। (क्व०) | 
			
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