शब्द का अर्थ
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प्रजंक :
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पुं०=पर्यंक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजंत :
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अव्य०=पर्यंत (तक)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज :
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पुं० [सं०√जन् (उत्पन्न होना+ड] स्त्री का पति। स्वामी। स्त्री०=प्रजा। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजन :
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पुं० [सं०√जन्+घञ्] १. गर्भधारण करने के लिए (पशुओं का) मैथुन। जोड़ा खाना। २. पशुओं के गर्भाधारण का समय। ३. नर या पुरुष जननेन्द्रिय। लिंग। ४. दे० ‘प्रजनन’। वि० जन्म देनेवाला। जनक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजनक :
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वि० [सं० प्रजन्+णिच्+ण्वुल्—अक] [स्त्री० प्रजनिका] जन्म देने या उत्पन्न करनेवाला। पुं० जनक। पिता। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजनन :
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पुं० [सं० प्र√जन्+णिच्+ल्युट्—अन] १. अपने ही जैसे नये जीवों को जन्म देकर अपने वंश या वर्ग की वृद्धि करना। संतान उत्पन्न करना। (रिप्रोडक्शन)। २. जीवों का होनेवाला जन्म। ३. दाई या धात्री का काम। ४. पशुओं आदि को पाल-पोसकर उनकी उन्नति और वृद्धि करना। (ब्रीडिंग) |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजनिका :
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स्त्री० [सं० प्र√जन्+णिच्+ण्वुल्—अक,+टाप्, इत्व] माता। जननी। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजनिष्णु :
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वि० [सं० प्र√जन्+णिच्+इष्णुच्] प्रजनन करने या जन्म देनेवाला। |
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प्रजरंत :
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वि०=प्रज्वलित।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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प्रजरना :
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अ० [सं० प्र+हिं० जरना] अच्छी तरह जलना। प्रज्वलित होना। उदा०—प्रजरयो आग वियोग की बह्यो विलोचन नीर।—बिहारी। स०=प्रजारना। |
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प्रजल्प :
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पुं० [सं० प्र√जल्प् (बोलना)+घञ्] १. इधर-उधर की या व्यर्थ की बातचीत। बकवाद। २. प्रिय को प्रसन्न करने के लिए कही जानेवाली बात या हाँकी जानेवाली गप्प। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजल्पित :
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भू० कृ० [सं० प्र√जल्प्+क्त] बकवाद के रूप में कहा हुआ। पुं० बकवाद। |
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प्रजवी (विन्) :
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पुं० [सं० प्र√जु+इनि] १. दूत। २. हरकारा। |
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प्रजांतक :
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पुं० [सं० प्रजा-अन्तक, ष० त०] यम। |
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प्रजा :
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स्त्री० [सं० प्र√जन्+ड+टाप्] १. संतान। औलाद। २. किसी विशिष्ट राज्य या शासन में रहनेवाले वे सब लोग जो उसके द्वारा शासित होते हैं। रिआया। (सब्जेक्ट) ३. भारतीय देहाती समाज में छोटी जातियों के वे लोग जो बिना वेतन लिये काम करते हैं, और जिन्हें नियमित रूप से समय-समय पर अन्न, धन, वस्त्र, आदि मिलते रहते हैं। जैसे—नाऊ, बारी, भाट, नट, लोहार, कुम्हार, चमार, धोबी आदि। ४. सृष्टिकर्ता। ब्रह्मा। |
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प्रजाकाम :
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वि० [सं० प्रजा√कम् (चाहना)+णिङ्+अण्] जिसे पुत्र की कामना हो। |
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प्रजाकार :
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पुं० [सं० प्र√जा+कृ (करना)+अण्] सृष्टि के रचयिता। ब्रह्मा। |
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प्रजागर :
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वि० [सं० प्र√जाग् (जागना)+अच्] १. जागता रहने वाला। २. पहरा देने या चौकसी करनेवाला। पुं० १. जागरण। २. निद्रा न आने का रोग। उन्निद। ३. विष्णु। ४. प्राण। |
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प्रजागरण :
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पुं० [सं० प्र√जाग्+ल्युट्—अन] १. जागते रहने का भाव। जागरण। २. पहरा देना। चौकसी करना। |
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प्रजा-तंतु :
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पुं० [सं० ष० त०] १. संतान। संतति। २. कुल। वंश। ३. किसी वंश की विभिन्न पीढ़ियों की श्रृंखला। वंश-परम्परा। |
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प्रजातंत्र :
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पुं० [सं० ष० त०] दे० ‘लोकतंत्र’। |
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प्रजात :
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भू० कृ० [सं० प्र√जन् (उत्पन्न होना)+क्त] जिसे जन्म दिया गया हो। उत्पन्न किया हुआ। |
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प्रजाता :
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स्त्री० [सं० प्रजात+टाप्] वह स्त्री जिसने बच्चे को जन्म दिया हो। जच्चा। प्रसूतिका। |
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प्रजाति :
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स्त्री० [सं० प्र√जन्+क्तिन्] १. प्रजा। २. संतान। ३. संतान उत्पन्न करना। ४. प्रजनन। जन्म देने या उत्पन्न करने की शक्ति। ५. बच्चे को जन्म देना। |
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प्रजाद :
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वि० [सं० प्रजा√दा+क] १. जन्म देने या उत्पन्न करनेवाला। २. बाँझपन दूर करनेवाला। प्रजादा |
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प्रजाध्यक्ष :
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पुं० [प्रजा-अध्यक्ष, ष० त०] १. प्रजापति। २. सूर्य। |
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प्रजानाथ :
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पुं० [ष० त०] १. ब्रह्मा। २. मनु। ३. दक्ष। ४. राजा। |
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प्रजापति :
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पुं० [ष० त०] १. सृष्टि का रचयिता। सृष्टि कर्ता। ब्रह्मा। २. वे दस लोककर्ता जिन्हें ब्रह्मा ने सृष्टि के आरंभ में प्रजा-वृद्धि के लिए उत्पन्न किया था। ३. मनु। ४. राजा। ५. सूर्य। ६. अग्नि। ७. विश्वकर्मा। ८. पिता। ९. तितली। १॰. घर का मालिक या स्वामी। ११. एक नक्षत्र का नाम। १२. एक प्रकार का यंत्र। १३. जमाता। दामाद। १४. कुंभकार। कुम्हार। १५. साठ संवत्सरों में से पाँचवा संवत्सर। १६. प्राजापत्य (देखें) नामक विवाह-प्रकार। |
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प्रजापती :
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स्त्री० [सं०, प्रजापति] गौतम-बुद्ध को पालने वाली गोमती का नाम। पुं०=प्रजापति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजा-पालक :
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पुं० [सं० ष० त०, णिच्+अच्] प्रजा का पालन-पोषण करनेवाला अर्थात् राजा। |
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प्रजा-पालन :
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पुं० [ष० त०] प्रजा का पालन और भरण-पोषण तथा रक्षा। |
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प्रजायी (यिन्) :
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वि० [सं० प्र√जन्+णिनि] [स्त्री० प्रजायिनी] उत्पन्न करने या जन्म देनेवाला। जैसे—वीरप्रजायी। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजारना :
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स० [सं० प्र (उप०)+हिं० जारना] अच्छी तरह जलाना। प्रज्वलित करना। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजालना :
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स० प्रजारना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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प्रजावती :
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स्त्री० [सं० प्रजा+मतुप्, वत्व,+ङीष्] १. ऐसी स्त्री जिसके बहुत से बच्चे या संतानें हों। २. गर्भवती स्त्री। ३. भाई की स्त्री। ४. बड़े भाई की स्त्री। भाभी। भौजाई। ५. राजा प्रियव्रत की पत्नी का नाम। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजा-वृद्धि :
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स्त्री० [ष० त०] १. संतान की बढ़ती। २. जनता या जन-संख्या की वृद्धि। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजा-सत्ता :
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स्त्री० [ष० त०]=प्रजातंत्र। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रजा-सत्ताक :
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वि० [ब० स०,+कप्] १. (शासन प्रणाली)] जिसमें शासन सूत्र प्रजा अथवा उसके चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथ में होता है। २. (राज्य) जिसका शासन सूत्र प्रजा या उसके चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथ में होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजित् :
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वि० [सं० प्र√जि (जीतना)+क्विप्, तुक्] जीतनेवाला। विजेता। विजयी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजिन :
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पुं० [सं० प्र√ज्या (जीर्ण होना)+नक्, सम्प्रसारण] वायु। हवा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजीवन :
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पुं० [सं० प्रा० स०] जीविका। रोजी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजरित, प्रजुलित :
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वि०=प्रज्वलित।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजेप्सु :
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वि० [सं० प्रजा-ईप्सु, ष० त०] प्रजा या संतान की कामना करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजेश :
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पुं० [सं० प्रजा+ईश, ष० त०]=प्रजापति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रजोग :
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पुं०=प्रयोग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञ :
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वि० [सं० प्र√ज्ञा (जानना)+क] [स्त्री० प्रजा, भाव० प्रज्ञता] १. जाननेवाला। जानकार। २. जिसमें प्रजा-शक्ति यथेष्ट हो। बहुत चतुर और बुद्धिमान। पुं० १. किसी विषय का बहुत अच्छा ज्ञाता, पंडित या विद्वान। २. बुद्धिमान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञता :
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स्त्री० [सं० प्रज्ञ√तल्+टाप्] १. प्रज्ञ होने की अवस्था या भाव। २. पांडित्य। विद्वता। ३. अच्छी जानकारी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञप्त :
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भू० कृ० [सं० प्र√ज्ञप्+क्त] १. जतलाया, बतलाया या सूचित किया हुआ। २. जिसके संबंध में कोई प्रज्ञप्ति निकली या हुई हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञप्ति :
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स्त्री० [सं० प्र√ज्ञप् (जताना)+क्तिन्] १. जतलाने या सूचित करने की क्रिया या भाव। २. सूचना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञा :
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स्त्री० [सं० प्र√ज्ञा+अङ+टाप्] १. बुद्धि। समझ। २. बुद्धि का वह परिष्कृत, विकसित तथा संस्कृत रूप जो उसे अध्ययन, अभ्यास, निरीक्षण आदि के द्वारा प्राप्त होता है और जिससे मनुष्य सब बातों का आगा-पीछा या वास्तविक रूप जल्दी और सहज में समझ लेता है। न्याय-बुद्धि। (इन्टलेक्ट) विशेष—यह मुख्यतः अनुभव, पांडित्य और विचारशीलता का प्रकाशमान् सम्मिश्रण और साधारण बुद्धि का खरादा, गढ़ा और तराशा हुआ रूप है। ३. सरस्वती का एक नाम। ४. विदुषी और सभ्य स्त्री। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रज्ञा-चक्षु (स्) :
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वि० [ब० स०] जिसके लिए उसकी बुद्धि ही आँखों का काम देती हो। पुं० १. ऐसा अन्धा व्यक्ति जो अपनी बुद्धि से ही सब बातें जान या समझ लेता हो। २. अन्धा व्यक्ति। (परिहास और व्यंग्य) ३. धृतराष्ट्र। ४. ज्ञानी पुरुष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञात :
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भू० कृ० [सं० प्र√ज्ञा+क्त] १. जिसका प्रज्ञान हुआ हो या किया गया हो। २. अच्छी तरह से जाना और समझा हुआ। ३. स्पष्ट। ४. विवेचित। ५. प्रसिद्ध। विख्यात। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञाता :
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वि० [सं०] प्रज्ञान करनेवाला। (कॉग्निजेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञा-दृष्टि :
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पुं०=प्रज्ञा-चक्षु। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रज्ञान :
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पुं० [सं० प्र√ज्ञा+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रज्ञात, वि० प्रज्ञेय] १. किसी बात या विषय का विशेष रूप से किया हुआ ज्ञान। २. विधिक क्षेत्र में किसी कार्य विशेषतः आपराधिक कार्य की ओर अधिकारिक रूप से किया जानेवाला ध्यान। (काग्निजेन्स) ३. विवेक। बुद्धि। ४. चिह्न। निशान। ५. चैतन्य। विद्वान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञापक :
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वि० [सं० प्र√ज्ञा+णिच्+ण्वुल्—अक, पुक् आगम] प्रज्ञापन करने या जतानेवाला। सूचित करनेवाला। पुं० बड़े बड़े या मोटे मोटे अक्षरों में लिखा या छपा हुआ विज्ञापन। (पोस्टर) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञापन :
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पुं० [सं० प्र√ज्ञा+णिच्, पुक्,+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रज्ञाचित] किसी को विशेष रूप से किसी घटना, बात या विषय का ज्ञान कराना। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रज्ञा-पारमिता :
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स्त्री० [सं० ष० त०] पूर्ण ज्ञान प्राप्त होने की स्थिति जो बौद्धों के अनुसार दस (या छः) गुणों (पारमिताओं) में से एक है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञापित :
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भू० कृ० [सं० प्र√ज्ञा+णिच्,पुक्+क्त] १. (विषय) जिसका प्रज्ञापन हुआ हो। २. (व्यक्ति) जिसे सूचना दी गई हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञामय :
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पुं० [सं० प्रज्ञा+मयट्] प्रज्ञाशील। पंडित। विद्वान्। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञाल :
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वि० [सं० प्रज्ञा+लच्] बुद्धिमान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञावाद :
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पुं० [सं० ष० त०] [वि० प्रज्ञावादी] यह मत या सिद्धांत कि मनुष्य को सदा सब काम अपनी प्रज्ञा के अनुसार सब समझ-बूझकर करने चाहिए। (इन्टलेकचुअलिज़्म) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञावान् (वत्) :
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वि० [सं० प्रज्ञा+मतुप्, वत्व] जो खूब सोच-समझ कर काम करता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञा-शील :
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वि० [सं० ब० स०] जो हर काम सोच-समझकर करता हो। जिसमें न्याय-बुद्धि हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्ञेय :
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वि० [सं०] जिसका प्रज्ञान हो सकता हो या होने को हो। (काग्निज़ेबुल) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्वलन :
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पुं० [सं० प्र√ज्वल् (दीप्ति)+ल्युट्—अन] [वि० प्रज्वलनीय, भू० कृ० प्रज्वलित] ताप, प्रकाश आदि उत्पन्न करने के लिए कोई चीज जलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्वलित :
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भू० कृ० [सं० प्र√ज्वल्+क्त] १. ताप, प्रकाश आदि उत्पन्न करने के उद्देश्य से जलाया हुआ। २. चमकता हुआ। ३. व्यक्त और सुस्पष्ट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्वलिया :
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पुं० [?] एक प्रकार का छंद जिसके प्रत्येक चरण में १६ मात्राएँ होती हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्वार :
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पुं० [सं० प्र√ज्वर् (दाह)+घञ्] ज्वर से पीड़ित होने पर शरीर में से निकलनेवाला ताप। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रज्वालन :
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स० [सं० प्र√ज्वल्+णिच्+ल्युट्—अन] प्रज्वलित करना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |