शब्द का अर्थ
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प्रणत :
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वि० [सं० प्र√नम् (झुकना)+क्त] १. बहुत झुका हुआ। २. जो झुककर किसी को प्रणाम कर रहा हो। ३. नम्र। विनीत। दीन। पुं० १. दास। २. नौकर। सेवक। ३. उपासक या भक्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रणतपाल :
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वि० [ष० त०]=प्रणतपालक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रणतपालक :
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वि० [सं० प्रणत√पाल् (पालना) +णिच्+ अच्] [स्त्री० प्रणतिपालिका] शरण में आये हुए दीन-दुखियों की रक्षा करनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रणति :
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स्त्री० [सं० प्र√नम् (झुकना)+क्तिन्] १. झुकने की क्रिया या भाव। २. प्रणाम। प्रणिपात। दंडवत्। ३. नम्रता। ४. विनती। |
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समानार्थी शब्द-
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