| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रणी					 : | पुं० [सं० प्र√नी+क्विप्] ईश्वर। वि० [सं० प्रण] प्रण या दृढ़ प्रतिज्ञा करनेवाला। | 
			
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				| प्रणीत					 : | भू० कृ० [सं० प्र√नी+क्त] १. जिसका प्रणयन किया गया हो। बना या तैयार किया हुआ हो। निर्मित। रचित। २. जिसका संशोधन या संस्कार हुआ हो। संस्कृत। ३. भेजा हुआ। ४. लाया हुआ। पुं० १. वह जल जिसका मंत्र से संस्कार किया गया हो। २. यज्ञ के लिए मंत्रों द्वारा संस्कृत की हुई अग्नि। ३. अच्छी तरह पकाया हुआ भोजन। | 
			
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				| प्रणीता					 : | स्त्री० [सं० प्रणीत+टाप्] १. वह जल जो यज्ञ के कार्य के लिए वेद मंत्र पढ़ते हुए कुएँ से निकाला और छानकर रखा जाता है। २. वह पात्र जिसमें उक्त जल रखा जाता है। | 
			
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				| प्रणीय					 : | वि० [सं० प्र√नी+क्यप्] १. ले जाने योग्य। २. जिसका संस्कार होने को हो। | 
			
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