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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रतर्दन					 : | पुं० [सं० प्र√तर्द् (अनादर करना)+ल्युट्—अन] १. वेदों में उल्लिखित काशी के प्रथम राजा दिवोदास के एक पुत्र का नाम जिसका विवाह मंदालसा के साथ हुआ। २. एक प्राचीन ऋषि जो इन्द्र के शिष्य थे। ३. विष्णु। ४. ताड़ना। वि० ताड़ना करनेवाला। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |