| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रतान					 : | पुं० [सं० प्र√तन् (फैलना)+घञ्] १. पेड़-पौधे का नया कल्ला। २. झाड़ या लता विशेषतः ऐसा झाड़ या लता जो जमीन पर फैलती हो। ३. लता तंतु। रेशा। ४. विस्तार। फैलाव। ५. एक रोग जिसमें प्रायः मूर्च्छा आती है। वि० १. फैला हुआ। विस्तृत। २. रेशेदार। | 
			
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				| प्रतानिनी					 : | स्त्री० [सं० प्रतानिन्+ङीप्] शाखाओं-प्रशाखाओं की सहायता से दूर तक फैलनेवाली लता। | 
			
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				| प्रतानी (निन्)					 : | वि० [सं० प्रतान+इनि] १. झाड़, लता आदि जो दूर तक फैली हुई हो। २. फैलनेवाला। ३. रेशेदार। | 
			
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