| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रतिसर					 : | पुं० [सं० प्रति√सृ (गति)+अच्] १. सेवक। नौकर। २. सेना का पिछला भाग। ३. विवाह के समय पहना जानेवाला कंगन। ४. कंगन नाम का गहना। ५. जादू-टोना करने का मंत्र। ६. घाव का भराव। ७. प्रातःकाल। सवेरा। ८. माला। हार। | 
			
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				| प्रतिसरण					 : | पुं० [सं० प्रति√सृ+ल्युट्—अन] किसी के सहारे उठँघने की क्रिया। | 
			
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				| प्रतिसर्ग					 : | पुं० [सं० प्रा० स०] १. पुराणानुसार वे सब सृष्टियाँ जो ब्रह्मा के मानस-पुत्रों रुद्र, विराट पुरुष, मनु, यक्ष, मारीचि आदि ने उत्पन्न की थीं। २. प्रलय। ३. पुराणों का वह अंश जिसमें सृष्टि के प्रलय का वर्णन है। | 
			
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