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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रत्ययवाद					 : | पुं० [सं० ष० त०] दार्शनिक क्षेत्र में, यह मान्यता या सिद्धान्त कि यह दृश्य जगत किसी चेतन सत्ता की सृष्टि है, इसलिए मनुष्य को बौद्धिक विचारों का आधार छोड़कर चिरन्तन तथा शाश्वत विचारों का आश्रम लेना चाहिए। आदर्शवाद (आइडियलिज्म) विशेष—यह मत बौद्धों के विज्ञानवाद से बहुत-कुछ मिलता-जुलता और भौतिकवाद का प्रायः विपर्याय-सा है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| प्रत्ययवादी (दिन्)					 : | वि० [सं० प्रत्ययवाद+इनि] प्रत्यवाद-सम्बन्धी। प्रत्यवाद का। पुं० वह जो प्रत्यवाद का अनुयायी, पोषक या समर्थन हो। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |