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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रत्याहार					 : | पुं० [सं० प्रति-आ√हृ+घञ्][भू० कृ० प्रत्याहृत] १. पीछे की ओर खींचना या ले जाना। २. आज्ञा, निश्चय वचन आदि का वापस लिया जाना। ३. पाणिनि व्याकरण के अनुसार, वह संक्षिप्त रूप जो किसी सूत्र के प्रथम और अंतिम वर्णों को जोड़कर बनाया जाता है। जैसे-अइउण् सूत्र का प्रत्याहार अण्। ४. योग के आठ अंगों में से एक जिसमे इंद्रियों को सब विषयों से हटाकर एकाग्र किया जाता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |