| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रदोष					 : | पुं० [सं० प्रा० स०] १. सूर्य के अस्त होने का समय। संध्या। २. एक प्रकार का उपवास या व्रत जो प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी को होता है और जिसमें सूर्यास्त से कुछ पहले ही शिव का पूजन करने भोजन किया जाता है। ३. बहुत बड़ा दोष। ४. पक्षपात, आर्थिक लाभ, स्वार्थ आदि के अभिभूत होने के फलवस्वरूप होनेवाला नैतिक पतन। (कोरप्शन) | 
			
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				| प्रदोषक					 : | वि० [सं० प्रदोष+वुन्—अक] १. प्रदोषकाल सम्बन्धी। २. जो प्रदोषकाल में उत्पन्न हुआ हो। ३. दे० ‘प्रदुष्ट’। | 
			
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