शब्द का अर्थ
|
प्रपा :
|
पुं० [सं० प्र√पा (पीना)+क+टाप्] १. व्यायों, विशेषतः प्यासे यात्रियों आदि को जल अथवा कोई पेय पिलाने का सार्वजनिक स्थान। प्याऊ। २. यज्ञशाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपाक :
|
पुं० [सं० प्रा० स०] १. घाव, फोड़े आदि का पकना। २. उक्त के पकने से होनेवाली सूजन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपाठ :
|
पुं० [सं० प्रा० स०] १. पुस्तक में का पाठ। २. पुस्तक का अध्याय। ३. द० ‘प्रपठन’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपाणि :
|
पुं० [सं० प्रा० स०] १. हाथ का अगला भाग। २. हथेली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपात :
|
पुं० [सं० प्र√पत् (गिरना)+घञ्] १. एकबारगी और बहुत तेजी से ऊपर से नीचे आना या गिरना। २. वह बहुत ऊँचा स्थान जहाँ से कोई चीज नीचे गिरती हो। ३. जल की वह धारा जो किसी पहाड़ी प्रदेश में बहुत ऊँचे स्थान से नीचे गिरती हो। (वाटर फाल) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपातन :
|
पुं० [सं० प्र√पत्+णिच्+ल्युट—अन] जोर से नीचे गिराना या फेंकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपाती (तिन्) :
|
पुं० [सं० प्रपात+इनि] वह चट्टान या पहाड़ जिसका किनारा खड़ा हो। स्त्री० [सं० प्रताप] नदियों के प्रवाह में कुछ ऊँची-नीची चट्टानें पड़ने के कारण बननेवाला प्रपात। (कैस्केड) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपादिक :
|
पुं० [सं० प्रपद+ठक्—इक] मयूर। मोर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपान :
|
पुं० [सं० प्र√पा+ल्युट्—अन] १. पीने की क्रिया या भाव। २. प्रपा। पौंसला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपानक :
|
पुं० [सं० प्रपान, ब० स०,+कप्] आम अथवा किसी अन्य फल के गूदे का बना हुआ एक तरह का खट-मीठा शरबत। पना। पन्ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रपाली (लिन्) :
|
पुं० [सं० प्र√पाल् (पालन करना)+णिच्+णिनि] कृष्ण के भाई; बलराम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |