| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रपात					 : | पुं० [सं० प्र√पत् (गिरना)+घञ्] १. एकबारगी और बहुत तेजी से ऊपर से नीचे आना या गिरना। २. वह बहुत ऊँचा स्थान जहाँ से कोई चीज नीचे गिरती हो। ३. जल की वह धारा जो किसी पहाड़ी प्रदेश में बहुत ऊँचे स्थान से नीचे गिरती हो। (वाटर फाल) | 
			
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				| प्रपातन					 : | पुं० [सं० प्र√पत्+णिच्+ल्युट—अन] जोर से नीचे गिराना या फेंकना। | 
			
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				| प्रपाती (तिन्)					 : | पुं० [सं० प्रपात+इनि] वह चट्टान या पहाड़ जिसका किनारा खड़ा हो। स्त्री० [सं० प्रताप] नदियों के प्रवाह में कुछ ऊँची-नीची चट्टानें पड़ने के कारण बननेवाला प्रपात। (कैस्केड) | 
			
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