| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रभव					 : | पुं० [सं० प्र√भू (होना)+अप्] १. उत्पत्ति या सृष्टि का मूल कारण। २. उत्पत्ति। जन्म। ३. उत्पत्ति का स्थान। ४. सृष्टि। ५. जगत्। संसार। ६. नदी का उद्गम या मूल स्थान। ७. पराक्रम। | 
			
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				| प्रभवन					 : | पुं० [सं० प्र√भू+ल्युट्—अन] १. उत्पत्ति। २. आकार। ३. मूल। ४. अधिष्ठान। | 
			
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				| प्रभविता (तृ)					 : | पुं० [सं० प्र√भू+तृच्] १. शासक। २. प्रभु। स्वामी। | 
			
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				| प्रभविष्णु					 : | वि० [सं० प्र√भू+इष्णुच्] [भाव० प्रभविष्णुता] १. दूसरों पर प्रभाव डालनेवाला। प्रभावशील। २. बलवान। पुं० १. प्रभु। २. विष्णु। | 
			
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				| प्रभविष्णुता					 : | स्त्री० [सं० प्रभविष्णु+तल्+टाप्] १. औरों की तुलना में होनेवाली प्रधानता या श्रेष्ठता। २. किसी वस्तु में निहित अथवा स्थायी गुण या तत्त्व जिसका दूसरी वस्तुओं पर कुछ परिणाम होता या प्रभाव पड़ता हो। (पोटेन्सी)। जैसे—बरसात आने पर इस ओषधि की प्रभविष्णुता कुछ कम हो जाती है। | 
			
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