| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रभु					 : | वि० [सं० प्र√भू+डु] [भाव० प्रभुता, प्रभुत्व] जो बहुत अधिक बलवान हो। पुं० १. स्वामी। मालिक। २. ईश्वर। ३. बड़ों के लिए प्रय़ुक्त होनेवाला संबोधन। | 
			
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				| प्रभुता					 : | स्त्री० [सं० प्रभु+तल्+टाप्] १. प्रभु होने की अवस्था या भाव। प्रभुत्व। २. अधिकार, शक्ति आदि से युक्त बड़प्पन। महत्त्व। ३. शासन आदि का अधिकार। हुकूमत। ४. वैभव। ५. दे० ‘प्रभुसत्ता’। | 
			
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				| प्रभुताई					 : | स्त्री०=प्रभुता।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| प्रभुत्व					 : | पुं० [सं० प्रभु+त्व] प्रभुता। | 
			
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				| प्रभु-राज्य					 : | पुं० [सं० कर्म० स०] ऐसा राज्य जिसकी प्रभु-सत्ता उसकी वैधानिक सरकार या जन-साधारण में निहित हो। (सावरेन स्टेट) | 
			
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				| प्रभु-सत्ता					 : | स्त्री० [सं० कर्म० स०] [वि० प्रभु-सत्ताक] दे० ‘संप्रभुता’। | 
			
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				| प्रभु-सत्ताक					 : | वि० [सं० ब० स०,+कप्] १. प्रभु-सत्ता से युक्त। जिसे प्रभुसत्ता प्राप्त हो। २. (देश या राज्य) जिस पर दूसरों का कोई नियंत्रण प्रभाव या शासन न हो। परम स्वतंत्र। (सॉवरेन) | 
			
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