| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रयाण					 : | पुं० [सं० प्र√या (गति)+ल्युट्—अन] १. कहीं जाने के लिए यात्रा आरंभ करना। कूच। प्रस्थान। २. यात्रा। सफर। ३. विशेषतः सैनिक यात्रा। अभियान। चढ़ाई। ४. उक्त अवसर पर बजाया जानेवाला नगाड़ा। ५. मर कर किसी अन्य लोक मे जाना। ६. कार्य का अनुष्ठान या आरंभ। | 
			
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				| प्रयाणक					 : | पुं० [सं० प्रयाण+कन्] १. यात्रा। २. प्रस्थान। ३. गति। | 
			
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				| प्रयाण-काल					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. प्रयाण करने अर्यात् चलने या जाने का समय। यात्रा का समय। २. इस लोक से पर-लोक जाने अर्थात् मरने का समय। | 
			
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				| प्रयाण-गीत					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. सैनिक अभियान के समय गाये जानेवाले गीत। २. आधुनिक हिंदी साहित्य में वीर-गाथावाले गीतों का वह अंश जिसमें योद्धाओ के वि उल्लासपूर्ण गीत होते हैं, जो वे युद्ध-भूमि की ओर प्रस्थान के समय या किसी प्रकार के संघर्ष के लिए आगे बढ़ने के समय मिलकर गाते चलते हैं। (मार्चिंग साँग) जैसे— ‘प्रसाद’ का ‘हिमाद्रि तुंग-श्रृंग से...’ वाला गीत। | 
			
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