| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्ररोह					 : | पुं० [सं० प्र√रुह्+अच्] १. आरोह। चढ़ाव। २. पौधों आदि का उगकर ऊपर की ओर बढ़ना। ३. अंकुर। ४. कल्ला। कोंपल। ५. संतान। ६. किस्सा। ७. तुन का पेड़। नदी वृक्ष। ८. अर्बुद। | 
			
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				| प्ररोहण					 : | पुं० [सं० प्र√रुह्+ल्युट्—अन] १. ऊपर की ओर जाने या बढ़ने की क्रिया या भाव। २. अंकुर, कल्ले आदि का निकलना। उत्पन्न होना। | 
			
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				| प्ररोह-भूमि					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] उर्वरा भूमि। उपजाऊ जमीन। | 
			
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				| प्ररोहशाखी (खिन्)					 : | पुं० [सं० प्ररोह-शाखा, मध्य० स० प्ररोहशाखाइनि] ऐसा वृक्ष जिसकी कलम लगाने से लग जाती हो और नये वृक्ष का रूप धारण कर लेती हो। | 
			
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				| प्ररोही (हिन्)					 : | वि० [सं० प्ररोह+इनि] [स्त्री० प्ररोहिणी] १. ऊपर की ओर जाने या बढ़नेवाला। २. उगनेवाला। ३. उत्पन्न होनेवाला। | 
			
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