| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रलंब					 : | वि० [सं० प्र√लंब्+अच्] १. जो ऊपर से नीचे की ओर लटक रहा हो। २. टाँगा या लटकाया हुआ। ३. लम्बा। ४. किसी ओर निकला या बढ़ा हुआ। ५. काम करने में ढीला। सुस्त। पुं० १. लटकने की क्रिया या भाव। २. काम में होनेवाला व्यर्थ का विलंब। ३. पेड़ की टहनी। डाल। शाखा। ४. बीच आदि का अंकुर। ५. खीरा। ६. राँगा। ७.स्त्री या मादा की छाती। स्तन। ८. गले में पहनने का एक प्रकार का हार। ९. एक दानव जिसे बलराम ने मारा था। | 
			
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				| प्रलंबक					 : | पुं० [सं० प्रलंब+कन्] एक सुगंध-तृण। रोहिष। | 
			
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				| प्रलंबल					 : | पुं० [सं० प्र√लंब्+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रलंबित] १. प्रलंब की स्थिति में किसी को लाना। २. लंबा करना। ३. देर लगाना। ४. अवलंबन। सहारा लेना। | 
			
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				| प्रलंबित					 : | भू० कृ० [सं० प्र√लंब्+क्त] १. प्रलंब के रूप में लाया हुआ। २. (कर्मचारी) जिसका प्रलंबन हुआ हो। | 
			
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				| प्रलंबी (बिन्)					 : | वि० [सं० प्र√लंब्+णिनि] [स्त्री० प्रलंबिनी] १. नीचे की ओर दूर तक लटकनेवाला। २. लंबा। ३. अवलंब। या सहारा लेनेवाला। ४. काम में व्यर्थ देर लगानेवाला। ५. दे० ‘प्रलंब’। | 
			
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