| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रलेप					 : | पुं० [सं० प्र√लिप्+घञ् ] १. किसी अंग विशेषतः त्वचा पर किसी ओषधि का किया जानेवाला लेप। २. किसी गाढ़ी चीज का किसी दूसरी चीज पर किया जानेवाला लेप। ३. वह चीज जो उक्त रूप में लगाई जाय। | 
			
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				| प्रलेपक					 : | वि० [सं० प्र√लिप्+ण्वुल्—अक] प्रलेप या लेप करनेवाला। पुं० वह ज्वर जो क्षय आदि रोगों के साथ होता है और जिसमें शरीर का चमड़ा रूखा या शुष्क होने लगता है। (हेक्टिक फीवर) | 
			
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				| प्रलेपन					 : | पुं० [सं० प्र√लिप्+ल्युट्—अन] १. लेप करने या लगाने की क्रिया या भाव। २. पोताई। | 
			
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				| प्रलेप्य					 : | वि० [सं० प्र√लिप्+ण्यत्] १. जो लेप के रूप में लगाया जा सके। २. जिस पर लेप लगाया जा सके या लगाया जाने को हो। पुं० घुँघराले बाल। | 
			
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