| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रशाख					 : | वि० [सं० प्रशाखा, ब० स०] जिसमें या जिसकी अनेक शाखाएँ हों। पुं० गर्भ में भ्रूण की पाँचवीं अवस्था जिसमें उसकी शाखाएँ निकलने लगती है अर्थात् हाथ-पैर बनने लगते हैं। | 
			
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				| प्रशाखा					 : | स्त्री० [सं० अत्या० स०] किसी बड़ी शाखा या डाली से निकली हुई छोटी शाखा या डाल। | 
			
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				| प्रशाखिका					 : | स्त्री० [सं०] खेल के मैदान में बनी हई वह इमारत जिसमें लोग बैठकर खेल देखते हैं। २. छाया हुआ मंडप। (पैविलियन) | 
			
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