शब्द का अर्थ
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प्रसज्य :
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वि० [सं० प्र√सञ्ज्+ण्यत्] १. जो संबद्घ किया जाय। २. जो प्रयोग मे लाया जाय। ३. संभव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसज्य प्रतिषेध :
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पुं० [सं० सुप्सुपा स०] ऐसा निषेध जिसमें वर्जन का भाव ही प्रधान होता है और अनुमति, आज्ञा या विधि अल्प तथा गौण रहती है। ’पर्युदास’ का विपर्याय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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