शब्द का अर्थ
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प्रसरण :
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पुं० [सं० प्र√सृ+ल्युट्—अन] [वि० प्रसरणीय, प्रसरित] १. आगे की ओर खिसकना, फैलना या बढ़ना। २. व्याप्ति। ३. विस्तार। ४. उत्पत्ति। ५. अपने काम में लगना। ६. सेना का लूट-पाट के लिए इधर-उधर घूमना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसरणी :
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स्त्री० [सं० प्र√सृ+अनि+ङीप्] १. प्रसरण। २. सेना का वह घेरा जो विपक्षी सेना के चारों ओर बनाया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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