शब्द का अर्थ
|
प्रसार :
|
पुं० [सं० प्र√सृ (गति)+णिच्+घञ्] १. दीर्घ अवकाश में अथवा दीर्घ समय तक फैले रहने या होने की अवस्था, गुण या भाव। २. संचार। ३. गमन। ४. निकास। इधर-उधर जाना। ६. वह सीमा जहाँ तक कोई चीज फैली हो या पहुँचती हो। (एक्सटेंट) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसारण :
|
पुं० [सं० प्र√सृ+णिच्+ल्युट्—अन] [भू० कृ० प्रसारित, वि० प्रसारणीय, प्रसार्य] १. दीर्घ अवकाश या काल में किसी चीज को फैलाना। २. संस्था आदि का कारोबार अथवा अधिक्षेत्र विस्तृत प्रदेश में विशेषतः नये प्रदेशों तक बढ़ाना। ३. रेड़ियो के द्वारा अथवा ऐसे ही किसी और साधन द्वारा कविता, गीत, समाचार आदि दूर-दूर के लोगों को सुनाने के लिए आकाशवाणी द्वारा चारों ओर फैलाना। (ब्राडकास्टिंग) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसारणीय :
|
वि० [सं० प्र√सृ+णिच्+अनीयर्] १. जो फैलाया जा सके। २. जो प्रसारित किये जाने को हो अथवा उसके योग्य हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसारना :
|
स० [सं० प्रसारण] १. प्रसारण करना। रेड़ियो आदि के द्वारा गीत, समाचार आदि प्रसारित करना। २. पसारना। फैलाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसारिणी :
|
स्त्री० [सं० प्रसारिन्+ङीप्] १. गंधप्रसारिणी नामक लता। गंध प्रसारी। २. लज्जावंती या लजालू नाम की लता। ३. देव-धान्य। ४. वह सेना जो चारों ओर लूट पाट करने के लिए निकली हो। ५. संगीत में, मध्यम स्वर की चार श्रुतियों में से दूसरी श्रुति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसारित :
|
भू० कृ० [सं० प्र√सृ+णिच्+क्त] १. पसारा या फैलाया हुआ। २. रेड़ियो आदि के द्वारा जिसका प्रसारण किया गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसारी (रिन्) :
|
वि० [सं० प्र√सृ+णिनि] [स्त्री० प्रसारिणी] १. प्रसारण करनेवाला। २. फैलाने या फैलनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रसार्य :
|
वि० [सं० प्र√सृ+णिच्+यत्]=प्रसारणीय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |